
बंशीधर नगर (:प्रशांत सहाय) पीएम नरेन्द्र मोदी ने जहां देश को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिये स्वच्छता अभियान को मिशन बना दिया है। लेकिन श्री बंशीधर नगर पंचायत के हाकिम और हुक्मरान पीएम के मिशन पर पलीता लगा रहे हैं। यहां सफाई के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं उसके बावजूद पूरा शहर कचरे से पटा हुआ है। सफाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर सरकारी राशि को ठिकाने लगा दिया जा रहा है।
यहां बताते चलें कि श्री बंशीधर नगर शहर को स्वच्छ एवं विकसित शहर बनाने की जिम्मेवारी नपं की है। लेकिन नपं बनने के 8 वर्षों बाद भी शहर को स्वच्छ एवं विकसित बनाने की दिशा में ईमानदार कोशिश नहीं हुई है। शहर के विभिन्न वार्डों की बात तो दूर शहर की हृदयस्थली थाना के बगल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। वहीं थाना के सामने मुख्य गेट पर व शहर की गलियों में स्थित नालियां बजबजा रही हैं। नालियों से निकल रही बदबू से शहर वासियों का जीना मुहाल हो गया है। लोग नगर पंचायत की करतूत से आजीज आकर दुर्गंध में जीवन जीने को मजबूर हैं।
शहरवासी नगर पंचायत को नरक पंचायत घोषित कर चुके हैं। नतीजतन लोग गंभीर बीमारी से भी ग्रसित हो रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात है कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिये नगर पंचायत की ओर से सफाई सुपरवाईजर को बहाल किया गया है, उन्हें ही सफाई की जिम्मेवारी दी गई है।
लेकिन शहर को स्वच्छ बनाने की बात तो दूर सफाई सुपरवाईजर जहां निवास करते हैं वहीं पर नालियां बजबजा रही हैं। जबकि उसी रास्ते में नगर पंचायत उपाध्यक्ष लता देवी का भी निवास है। उनके घर के पास भी कूड़ा कचरा का अंबार लगा हुआ है तो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सफाई सुपरवाईजर के द्वारा शहर को स्वच्छ बनाने कि दिशा में कितना कार्य किया जा रहा है। शहर की सफाई के नाम पर प्रतिमाह औसतन साढ़े चार लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
सफाई में शहर जीरो, सफाई के पैसे से सुपरवाईजर बना हीरो
नपं शहर की सफाई कराने में जीरो साबित हो रहा है। जबकि सफाई कराने वाले सफाई सुपरवाईजर सफाई के पैसे से हीरो बन गया है। शहर की सफाई के नाम पर नगर पंचायत की ओर से नगर पंचायत कार्यालय का दो ट्रैक्टर, सात ऑटो टीपर एवं सफाई सुपरवाईजर का दो ट्रैक्टर कुल 11 वाहनों को लगाया गया है। जबकि 40 से 45 सफाई कर्मी कार्यरत हैं। उसके बाद भी शहर की हृदयस्थली को भी स्वच्छ नहीं बनाया जा सका है। विभिन्न वार्डों में सफाई के नाम पर झाड़ू लगाने की जगह पैसे को ठिकाने लगाने का काम जोरों से किया जा रहा है।
क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
इस संबंध में पूछने पर नपं के कार्यपालक पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि शहर में दो बार झाड़ू लगाया जा रहा है। अगर कहीं कचरा पड़ा है तो जल्द ही सफाई करा दी जायेगी।
