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सरस्वती विद्या मंदिर में कन्या पूजन का आयोजन कर सैकड़ो कन्याओं का हुआ श्रृंगार एवं पूजन।

भारत स्टार न्यूज़(संवाददाता)
श्री बंशीधर नगर, :शारदीय नवरात्र के अवसर पर स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार को कन्या पूजन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगर उँटारी महिला थाना प्रभारी रुक्मिणी कुमारी, विद्यालय समिति के अध्यक्ष जोखू प्रसाद, सचिव रवि प्रकाश, सह सचिव चंदन कुमार, कोषाध्यक्ष राजकुमार प्रसाद एवं समिति सदस्य सुनील चौबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मां दुर्गा के जीवंत रूप में बने कक्षा नवम की बहन आराधना कुमारी व कक्षा तृतीय के भैया अक्षय कुमार ने बाघ का रूप धारण किया।
प्रधानाचार्य द्वारा कन्याओं की महाआरती जगदंबा घर में दियरा बार आइनी हो… का गायन कर किया।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि महिला थाना प्रभारी को शॉल ओढ़कर तथा श्री बंशीधर राधा कृष्ण की तस्वीर व विद्यालय की वार्षिक प्रत्रिका उत्सर्ग भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके बाद महिला थाना प्रभारी रुकमणी कुमारी सहित अन्य अतिथियों द्वारा सभी कन्याओं के पैर पखारे गए। उनका श्रृंगार किया गया तथा फल उपहार और द्रव्य की दक्षिणा भेंट किया। राजा पहाड़ी के पुजारी गोविंद पाठक द्वारा कन्याओं के पूजन हेतु लड्डू और पेड़ा की व्यवस्था की गई। कन्या पूजन कार्यक्रम में कक्षा अरुण से प्रथम तक की सैकड़ो कन्याओं का पूजन किया गया। सभी बहनें कन्या रूप रूप में सज धज कर आई थी। जो बहुत ही आकर्षक व मनमोहक था।
मौके पर मुख्य अतिथि रुक्मिणी कुमारी ने कहा कि जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहीं देवता वास करते हैं। नारी का सम्मान करके ही हम अपने समाज व देश को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र के अवसर पर स्कूल परिसर द्वारा कन्या पूजन का आयोजन किया गया है यह बहुत ही खुशी की बात है।
उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर में इस तरह का कार्यक्रम होने से बच्चों में निखार आता है। बच्चों को पढ़ाई केे साथ- साथ सभी क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है। सरस्वती विद्या मंदिर में यह कन्या पूजन एक अनोखी पहल है, इसे देखकर मैं भाव विभोर हो गई। विद्या मंदिर में ही शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और संस्कृति का ज्ञान ही प्राप्त होता है।
प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने कहा कि कन्याओं का पूजन और उनका सम्मान हमारी संस्कृति का हिस्सा है। सदियों से इसकी परंपरा चली आ रही है। अभिष्ठफल के लिए कन्याओं का पूजन जरूरी है। कन्या पूजन के बिना आदि शक्ति की पूजा सम्पूर्ण नहीं होती है। कुंवारी कन्याएं साक्षात योगिनी व ब्रह्मा विद्या है। यही श्रृष्टि की सृजनकर्ता तथा पालनकर्ता है।
इस कार्यक्रम में आचार्य कौशलेंद्र झा, नीरज सिंह, सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव अविनाश कुमार, नंदलाल पांडेय, कृष्ण कुमार पांडेय, सुजीत दुबे, रूपेश कुमार, उमेश कुमार, अंकित जैन, अशोक कुमार, प्रसुन्न कुमार, प्रदीप कुमार गुप्ता, सत्येंद्र प्रजापति,दिनेश कुमार, कृष्ण मुरारी, आचार्या नीति कुमारी, प्रियम्बदा, सुप्रिया कुमारी, रेणु पाठक, सलोनी कुमारी, नेहा द्वय, तन्वी जोशी, रंजना श्रीवास्तव, अंशु कुमारी,खुशबू सिंघल, पल्लवी जायसवाल और बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति थे।

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